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रोगी रोग से नहीं मृत्यु के डर से मरता हैं!

रोगी रोग से नहीं मृत्यु के डर से मरता हैं!

हम humans किसी disease से कम और मृत्यु के बारे में सोच के ज्यादा मरते हैं। यदि मुझे cancer जैसा  गंभीर disease हो गया हैं तो क्या मुझे उसके बारे में सोच-सोच कर खुद को ख़तम कर लेना चाहिए  किसी disease के develop होने पर आपका hold नहीं होता हैं लेकिन उस disease को खत्म करने और उसे बढ़ने से रोकने के लिए आप work कर सकते हैं। Fear जिसे हम डर भी कहते हैं एक बेहद गंभीर emotion हैं। यह emotion आपको life में कुछ चीजें experience करने से रोकता हैं। 

डर क्या हैं? एक feeling जो हमारे मन पर pressure डालती हैं, हमे लड़ने से रोकती हैं, यह हमारे मन में negative results की image बना देता हैं जिसके कारण हम अपनी life में कुछ vital moments को miss कर देते हैं। 

में skydiving नहीं कर सकता क्योंकि मुझे height से fear हैं, में water surfing  नहीं करुँगा क्योंकि मुझे डर हैं की पानी में रहने वाले animals मुझे नुकसान करेंगे। में car drive नहीं करता क्योंकि मेरे astrologer ने मुझे 4 vechiles drive करने से परहेज कहा हैं। हम अपनी life में कभी-कभी ऐसे लोगो से मिलते हैं जो हमेशा risk लेने से  डरते हैं। 

एक इंसान जिसे cancer या कोई अन्य severe disease हैं उसे क्या जीना छोड़ देना चाहिए क्योंकि may be उसकी death करीब हैं। जब कोई person इस बात से वाक़िफ़ होता हैं की उसे कोई रोग हैं तो उसके मन में upteen डर develop हो जाते हैं। में मर गया तो – मेरी wife का क्या होगा, मेरी sister की marriage कैसे होगी, मेरी  बेटी की studies कैसे होगी, मेरे घर का loan कैसे pay होगा, में यह-वो work कैसे करूँगा। उस एक moment में that person अपना पूरा future सोच लेता हैं। और फिर बीमार से लड़ने के लिए उसके पास energy ही नहीं रहती। 

Predictions तब तक काम करती हैं जब वो positiveहो।  जैसे ही  अपने negative सोच को अपने चेतन मन में जगह दी उसी moment आप failure की तरफ walk करना start कर देते हैं।  कभी अपने यह feel किया होगा की negative सोच जल्दी  result में convert हो जाती हैं।  

संत कबीर दiस जी का एक दोहा हैं – माया मरी न मन मरा, मर-मर गया शरीर। आशा तृष्णा न मरी, कह गए दास कबीर।। 

Meaning – न माया खत्म होती हैं, न आपका मन खत्म होता हैं।  मरता तो केवल आपका शरीर हैं।  Hope, happiness और तृष्णा यह सब ऊर्जा की form में universe में रहते हैं।  आप जो खोते हैं वह तो केवल मिट्टी से design की मूर्ति हैं जिसे एक दिन मिट्टी में convert होना हैं 

Founder of Scienec Divine Sadhguru Sakshi Shree Ji कहते हैं – हमारा शरीर खुद एक medicine हैं जिसमे हर रोग से मुक्ति  पाने का राज hide हैं।  कैंसर एक तरह का bacteria हैं जो आपकी body में होता हैं।  जैसे ही आपकी body में good cells finish होने लगते हैं, weakness ज़ोर पकड़ने लगती हैं, शरीर को energy  प्राप्त नहीं होती, just तभी कैंसर cells आपकी body के उस potion and part पर  attack करते हैं जो सबसे weak हैं।  Same ऐसे ही जैसे अपने universe को यह message दिया की आपको किसी चीज से fear हैं, या उसके प्रति आप मन में tense हैं तो उसे आपको face करना पड़ता हैं।  Universe  में जो ऊर्जा हैं उसमे negative और positive सब तरह के points हैं।  जैसा आप सोचोगे वही आप अपने जीवन में प्राप्त करोगे।  यदि आपको कैंसर हैं तो उसे होने वाले disadvantages और harms  के बारे में न सोचे। अपना full focus केवल इस बात पर लगाए की किस तरह से आप इस रोग को अपने शरीर से eliminate कर सकते हैं।  

yes, human body में alt+dlt का option  नहीं हैं जैसे हमारे computers में होता हैं।  लेकिन हमारे शरीर में हर काम try करने का मौका देता हैं।  सकारात्मक सोच और ऊर्जा के साथ आप every मुकाम हासिल कर सकते हैं और हर problem का solution भी search कर सकते हैं।  

Life से fear को eliminate करे हर problem अपने  solution के साथ birth लेती हैं।  तो Science Divine से जुड़ कर आप Sanjeevnai Kriya के through अपने difficuties को खत्म करने के लिए solutions को serach करने में ज्यादा सक्षम बनते हैं।  

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