मैंने लोगो को यह कहते सुना हैं कि भगवन मेरी जल्दी सुनते हैं| यह कैसा सच हैं? एक तरफ भगवन किसी को किसी चीज की कमी नहीं रखते और दूसरी तरफ किसी को कुछ भी नहीं देते| यह सब हमारे अवचेतन मन के भाव है जो हमे सच को पहचाने में रुकावट डालते हैं| हमे वही मिलता है जिसकी कामना हम दिल से करते हैं| अगर आपको किसी वस्तु की सच में आवश्यकता हैं तो आप उस वस्तु को प्राप्त करने के लिए मेहनत करते हैं| उस वस्तु तक पहुंचाने वाले हर विकल्प को अपनाते हैं|
हमारा दिमाग ही वो शक्ति हैं जो हमारे जीवन का चक्र चलाता हैं| हमे सोच क्यों मिली हैं, इसका हमारे जीवन में क्या महत्व हैं| किस कारण वश हम कभी चेतन या अवचेतन मन में रहते हैं| कभी यह सब सवाल आपको परेशान करते हैं| क्यों मेरी इच्छा हैं कलाकार बनने की, क्यों मुझे लिखना पसंद है, क्या कारण मेरी इछाओ का| किस तरह से यह सब इच्छाएं हमारे मन में जागृत होती हैं| यह ब्रम्हांड एक चक्र हैं जिसके इर्द-गिर्द अच्छा-बुरा, पाप-पुण्य, गुण-अवगुण और भी अन्य चीजे घूमती हैं| हम वही प्राप्त करते हैं जिसकी चेतना हम करते हैं| जैसे: एक बीमार व्यक्ति केवल बीमारी से ही नहीं लड़ता है उसका युद्ध उसके मन में उग रही चेतनाओं से भी होता हैं| क्या होगा मेरे परिवार का अगर मुझे मृत्यू आ गई, कैसे गुज़र-बसर होगा मेरे बच्चो का, किस तरह से मेरी बूढी माँ जी पाएगी, कैसे मेरा बूढ़ा पिता मुझे अग्नि देगा? यह सब ख्याल उस बीमार इंसान को अंदर से खोखला कर देते हैं| ऐसी सोच से वह व्यक्ति न केवल अपने शरीर को रोग से लड़ने में कठनाईयाँ देता हैं बल्कि ब्रम्हांड को भी नकारात्मक संकेत देता हैं| एक खुश मिजाज़ इंसान हज़ारो को ख़ुशी दे सकता हैं लेकिन वही एक दुखी इंसान केवल दुखों को ही पुकारता हैं|
जैसा करोगे वैसा भरोगे, जैसी सोच वैसे कर्म और जो चाहोगे वहीं पाओगे| यह कुछ ऐसे कथन हैं जो हमारे चेतन और अवचेतन मन की जरूरत को दर्शाते हैं| हमे सोचने की शक्ति मिली हैं जिसके माध्यम से हम वह काम करे जो हमारे लिए अच्छे साबित हों| ब्रम्हांड किस तरह से जानेगा की आपको क्या चाहिए| जब तक आप ब्रम्हांड को यह संकेत नहीं देंगे की आप क्या सोचते हैं, आपके सपने क्या हैं, आपकी जरूरते क्या हैं तब तक ब्रम्हांड आपको वही देगा जो उनके हिसाब से आपके लिए सही होगा| आपकी सकरात्मक और नकारात्मक सोच ही आपके सुख और दुख का कारण हैं|
यहाँ ऐसे 2 नियम दिए गए हैं जिसको अपने जीवन में शामिल कर आप अपने सपनो को वास्तविकता का रूप दे सकते हैं|
- जिस चीज की भी इच्छा आप रखते है उसके प्रति कभी कोई नकारकत्मक सोच ना रखें| जैसे – मैं अपनी माँ के लिए एक गाड़ी खरीदना चाहता हु| जिसमे बैठ कर मेरी माँ भी मुझ पर नाज़ करे| आपका यह सपना जरूर हकीकत बनेगा यदि आप हमेशा इसके बारे में अपने चेतन और अवचेतन मन से सकरात्मक सोच रखे| आपकी निश्चयात्मक सोच से ब्रम्हांड को हमेशा सकरात्मक संकेत मिलेंगे| जिसके माध्यम से आपकी तरफ केवल सकारात्मक ऊर्जा ही आकर्षित होंगी|
- यह सोच की मेरा कोई काम नहीं होगा या फिर में तो यह काम कर ही नहीं सकता| ऐसी सोच केवल आपको हतोत्साहित करती हैं| किसी काम को करने से पहले उसके गलत होने की सोच केवल नकरात्मकता का सन्देश देगी| जैसे – जब हमारे घर में कोई मेहमान अच्छी सोच के साथ आता हैं तो हमारा हृदय हर्ष-उलास से भर आता हैं| लेकिन वही यदि कोई ऐसा व्यक्ति आए जिसके मन के भाव हमारे प्रति या किसी भी तरह से नकरात्मक हो तो हम कभी उसके प्रति आकर्षित नहीं होंगे| हमे वो ऋणात्मक सोच वाला मेहमान अपना नहीं लगेगा, हम सोचते रहेंगे की यह व्यक्ति कब रुक्सत होगा|
अपने काम, अपनी सोच, और अपने आप को हमेशा सच्चा सकारात्मक रखें| इसी तरह से आप ब्रम्हांड को सकारात्मक सन्देश पहुँचा पाएंगे| सब कुछ आपके सोच पर निर्भर करता हैं| अपने अच्छे और खराब समय पर हमेशा सकरात्मक और आनंदपूर्ण रह कर ही आप अपना जीवन खुशी से जी सकते हैं|
Sadhguru Sakshi Shree ji साक्षी भाव जीवन जीने के तरीको के द्वारा हम सभी व्यक्तियों को सुखी जीवन जीने की प्रेरणा देते हैं| Science Divine के माध्यम से Guru Ji के साथ जुड़ कर हम सभी अपने आज को जीना सीखते हैं| Science Divine एक ऐसा स्रोत्र हैं जो हमे दिशा प्रदान करता है अपने आज के प्रति सकरात्मक सोच रखते हुए आने वाले कल को सुखद बनाने की| Sadhguru Sakshi Shree ji कहते हैं – एक गरीब को रोज 10.Rs देने की जगह उसे शिक्षा का विकल्प प्रदान करे जिसके माध्यम से वह बालक अपने और अपने परिवार के भविष्य को सुखद बना पाने योग्य बन पाए|